Tag: Vijendra Diwach

संविधान पार्क

विजेंद्र दिवाच एक यूनिवर्सिटी मेंसंविधान पार्क के निर्माण का काम चल रहा था,रात के आठ बजे तक मजदूरों का पसीना बह रहा था,आठ दस साल का बच्चा बजरी छान रहा…

दो चाय और बीड़ी

विजेंद्र दिवाच पत्थर पीस – पीसकर खुद पूरा सफेद हो जाता है,बच्चों को भूत लगता है,देखने वाले को तो हड्डियों का ढांचा नजर आता है,कहीं चप्पल फैक्ट्री में दो सौ…

जीवन नहीं जीते

विजेंद्र दिवाच देखते – देखते कुछ नहीं देखते,सुनते – सुनते कुछ नहीं सुनते,चलते – चलते कहीं नहीं चलते,रुकते – रुकते कहीं नहीं रुकते,हकलाते – हकलाते कभी नहीं हकलाते,बतलाते – बतलाते…

सरकारी स्कूल और नौवीं कक्षा

विजेंद्र दिवाच स्कूलों में 8th तक फेल नहीं किया।सरकारी स्कूल में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स 9th में हलाल होते हैं। सभी कक्षाओं का पहला लिखित टेस्ट 15 अगस्त के आसपास होता…