EVM बनाम बैलेट पेपर : जनशक्ति लोकतंत्र को किससे कितना ख़तरा
जीत के बावजूद राहुल गांधी के EVM पर अपना स्टैंड पहले की तरह ही क्लियर करने वाले बयान का स्वागत किया जाना चाहिए। हम अपने अधिकार की बात में भी…
Economical, Educational, Health and Water Self-dependency with the help of Natural Farming and Social Governance
जीत के बावजूद राहुल गांधी के EVM पर अपना स्टैंड पहले की तरह ही क्लियर करने वाले बयान का स्वागत किया जाना चाहिए। हम अपने अधिकार की बात में भी…
1 धर्म की रक्षा करने वाले संघठनों ने जिस धर्म की रक्षा कर रहे होते है उस धर्म का , देश का और उसी धर्म को मानने वालों का सबसे…
बुरी घटनाएं रोज होती है। कोई मिनट ऐसा नहीं जाता जब इस देश में अपराध न होते हो। हमें भी हर बात को खुद की संवेदनाओं में न महसूस करते…
Nishant Rana मेरा पहला पुनर्जन्म था जब मैंने तोड़े थे बंधन बोल के महीनों की चुप्पी के बाद रोया था पूरी जान से।उसके बाद मैं मरता रहा निरन्तर बिना किसी…
1हमारा देश प्राचीन काल से आज तक सोने की चिड़िया ही बना हुआ है। कुछ के लिए यह कम समय के लिए सोने की चिड़िया रहा कुछ के लिए तब…
1 जैसे ही स्वतंत्रता की बात आती है, सारी जिम्मेदारीं हमारे ऊपर आ जाती है। जीवन को सहज, सरल, सार्थकता की और बढ़ने के पहले ही कदम के संघर्ष को…
आए दिन हम सुनते रहते है की कोर्पोरेट किसानों की जमीन हथियाती जा रही है इसके आगे भी यह सुनते है कि सरकार जोर जबर्दस्ती पूंजीपतियों को किसान की जमीनों…
Nishant Rana हमें अपने खांचे इतने पसंद है कि जो हमारे खांचों में फिट बैठता है बस वहीं भगवान का दूसरा रूप है जो हमारे खांचों से अलग है उसे…
1पहले डर को ईश्वर का रूप दिया गया , अपने डर को समझने के बजाये ईश्वर रूपी पलायन कर लिया , उसके बाद जो खुद नहीं भोग सकते वो सारे…
वह भी समय ही था जब स्कूल-कॉलेज नहीं थे, बैंक नहीं थे, थे भी तो किसान की पहुंच से दूर थे।बिना स्कूल जाए लोग खेती किसानी करना सीखें, मौसम के…
हम बैठे बिठाए केवल लड़की होने के कारण लाखो भ्रूण हत्याओं को पचा कर शाकाहार की बात कर लेते है। हम करोड़ो लोगों को भुखमरी की और धकेलते हुए शाकाहार…
राजनैतिक दलाल/भक्त – 1 राजनैतिक दलालों और भक्तों में बस इतना अंतर रह जाता है कि भक्तों को सारी जानकारी राजनैतिक दलालों के माध्यम से ही मिलती है जिसे भक्त…
25-30 साल पहले तक तो किसानों के लिए पशु-पालन कोई मुश्किल काम न था , पशुओं के लिए बड़े चारागाह छोड़े जाते थे, उसी में तालाब भी खुदवाएं जाते थे।…
आदम – गुरु विकास की बात कर रहे हो, चक्कर क्या है !देवरस – चक्कर क्या होता , कर भी देंगे विकास के काम।आदम – फिर चिंता क्यों झलक रही…
हमने अब तक का सफर बड़ा अच्छा तय किया है- हमारे समाज में वर्णव्यवस्था/जातिव्यवस्था/पितृसत्ता से देश का भला होना होता तो पांच हजार सालों में हो चुका होता। वैश्विक स्तर…