सरकारी नौकरी प्रतियोगी परीक्षा के छात्र की कहानी
अखिलेश प्रधान अगर पाठक भावुक कर देने वाले किसी लेख की उम्मीद में हैं तो आपको इस लेख का पहला पैराग्राफ ही निराश कर सकता है, इसलिए आप यहीं से…
वैज्ञानिक चेतना-अनुसंधान बनाम वैज्ञानिक बाबूगिरी
जब हम इस प्रकार के दावे करते है कि दुनिया का सारा विज्ञान वेदों से निकला है तो एक प्रश्न पूछते चलते बनता है कि हमारे द्वारा दैनिक जीवन में…
The aftermath of Cyclone Fani
Akhilesh Pradhan – 3 मई 2019, इसी दिन उड़ीसा में साइक्लोन फनी आया था। भुवनेश्वर में जहाँ हम थे वहाँ 150 किमी/घंटा की रफ्तार से हवा चली थी, पुरी और…
भाषा विकास क्रम व सीमाएं
होमो सेपियंस जो आज के मानव से बहुत मिलता जुलता था या जिन्हें हम अपने पूर्वज कह सकते है अस्तित्व लगभग 2 लाख साल पुराना मिलता है। करीब 82 हजार…
वैकल्पिक जीवन की ओर इशारा था बुद्ध का
Chaitanya Nagar बुध्द को भक्तों की दरकार नहीं थी। अनुयायियों की भी नहीं। वियतनाम के भिक्खु थिच न्हात हन अपनी किताब ‘ओल्ड पाथ वाइट क्लाउड्स’ में लिखते हैं कि एक…
करोना टेस्टिंग क्यों जरूरी
करोना वायरस की टेस्टिंग क्यों जरूरी है इस बारे में बात करने से पहले टेस्ट संबंधित कुछ आंकड़ों पर नजर डाल लेते है – भारत – प्रति 10 लाख टेस्ट…
कदम और सड़क
सड़क अंधेरो को कम करने के वास्ते लाए थे रोशनी,ये तो नहीं कहा था कि रात ही ले जाएंगे;पुल जिसने कहा था कि ले जायेगा उस पार,जाने कैसे खुद पी…
कोरोना अपडेट्स
1 कोराना को लेकर कुछ बातें जेहन में बैठा लेनी चाहिए –कोराना का अभी तक कोई इलाज नहीं है, न देशी नुस्खों से कोराना ठीक होना न अन्य किसी दवाई…
प्रिय अज्ञात बेटी
Sanjiv Kumar Sharma प्रिय अज्ञात बेटी, सबसे पहले तो तुम्हारा शुक्रिया कि तुमने मुझसे यह सब चर्चा की और मुझे इस योग्य समझा, मुझे यह सब सोचने-समझने का मौका मिला…
आईआईटी – जेएनयू जैसे संस्थान विशिष्टता और अवतारवाद का ही पोषण कर समाज को पीछे धकेलने का काम कैसे करते है
जेएनयू विरोध के नाम पर मुख्यत: हमें जो सुनाई दिखाई पड़ता है वह यह है कि जेएनयू में लड़के लड़कियां सेक्स कर लेते है, कंडोम का प्रयोग किया जाता है,…
क्या यह संभव है कि किसी समाज में परिवार और संबंध सामंती मानसिकता से जिए जाते हो और देश और उसकी सरकारें लोकतांत्रिक हो जाए
स्त्री पुरुष को अपने सम्बंध चुनने के अधिकार नहीं है बड़े गर्व और सामाजिक सहमति के साथ हत्याएं होती रही है। बच्चों को जन्म से गुलाम माना जाता है। शिक्षा…
मानसिक बलात्कार
बच्चें को पैदा होने के दिन से भारतीय समाज में बच्चों के साथ उनकी इच्छा के विरुद्ध कार्य करना शुरू कर देता है जाता है।जब बच्चे के किसी कार्य से…
भारतीय समाज :- मान-सम्मान एवं स्वाभिमान
भारतीय समाज को जाति व्यवस्था ने इतना दमित और प्रदूषित किया है कि यहां रहने वाला व्यक्ति स्त्री या पुरुष प्रेम स्वतंत्रता का कहकरा भी नहीं समझते। भारतीय समाज समाजिक…