Category: आपके आलेख

बच्चें चाहिए हमें

बच्चें हम पैदा करते हैक्योंकि हमें करने होते है समाज में अपना पुरुषत्व साबित करने कोअपना स्त्रीत्व साबित करने कोबच्चे चाहिए होते है हमेंक्योकिं खोजते है अपनी मुक्तिपैदा हुए बच्चे…

गुड टच बनाम बैड टच – मानवीय स्पर्श को अपराध बोध में बदलना कितना सही?

भारतीय समाज हजारों सालों से यौनिक नैतिकता का पाठ पढ़ाता आया है। भारतीय समाज अलग अलग तरीकों से, धूर्तता से यौनिकता को सुरक्षित करता आया है. हम यौन शुचिता के…

गोपाल की दुनिया

अखिलेश प्रधान ये कहानी सिल्थिंग गांव की है। सिल्थिंग गांव, मुनस्यारी तहसील, जिला पिथौरागढ़, उत्तराखंड के अंतर्गत आता है। यह गांव गोरीपार के ठीक पीछे की पहाड़ी में पड़ता है…

जिंदा

फेसबुक पर लिखने वाले जिंदा रहते है।व्हाट्सएप्प पर खून खौलाने वाले जिंदा रहते है।बदला लेने की बात कहने वाले राजनेता जिंदा रहते है।टीवी बक्सों में तू तू मैं मैं करने…

EVM बनाम बैलेट पेपर : जनशक्ति लोकतंत्र को किससे कितना ख़तरा

जीत के बावजूद राहुल गांधी के EVM पर अपना स्टैंड पहले की तरह ही क्लियर करने वाले बयान का स्वागत किया जाना चाहिए। हम अपने अधिकार की बात में भी…

गांधी

गांधी केवल सत्याग्रही नहीं थे।गांधी केवल अहिंसावादी नहीं थे।गांधी केवल आध्यात्मिक व्यक्ति नहीं थे।गांधी केवल चिंतक अथवा दार्शनिक नहीं थे।गांधी केवल राजनीतिज्ञ नहीं थे।गांधी केवल ईमानदार नहीं थे।गांधी केवल अनशन…

ऐसा लगा जैसे मैंने पहाड़ को थोड़ा भी नहीं समझा है

अखिलेश प्रधान रोज की तरह कल नंदा देवी मंदिर परिसर जाना हुआ। नंदा देवी मंदिर मुनस्यारी के डानाधार क्षेत्र में अवस्थित है। तो जब मैं मंदिर से नीचे उतर रहा…

अमानवीय कृत्यों को एक जुट होकर नकारने की जरूरत

बुरी घटनाएं रोज होती है। कोई मिनट ऐसा नहीं जाता जब इस देश में अपराध न होते हो। हमें भी हर बात को खुद की संवेदनाओं में न महसूस करते…

पुनर्जन्म

Nishant Rana मेरा पहला पुनर्जन्म था जब मैंने तोड़े थे बंधन बोल के महीनों की चुप्पी के बाद रोया था पूरी जान से।उसके बाद मैं मरता रहा निरन्तर बिना किसी…

होली एक किसानी, प्रकृति प्रेम व उल्लास वाला त्यौहार इसे किसी महिला हत्या के जश्न से जोड़ना गलत

जब सुबह सुबह या कुछ जगह शाम को होली जलाई जाती है तब होलिका मैया की जय का जयकारा आम बात है।होलिका पूजन भी होता है।गन्ने, गेहूं की बाली आदि…

गाँव बंद

भारत में अधिकांश बंद राजनैतिक पार्टियों द्वारा दूसरी पार्टियों के विरोध में लगाए जाते रहे है या फिर व्यपारियों द्वारा अपने हित को साधने के लिए। व्यपारी वर्ग भले ही…