Category: आपके आलेख

क्या भारत सभ्य है?

Sanjay Shraman एक बार एक कॉन्फ्रेंस के दौरान एक स्विस प्रोफेसर से बात हो रही थी, वे मध्यकालीन यूरोप के सामाजिक ताने बाने की बात बता रहे थे. सामाजिक मानवशास्त्र…

उदासी : चार कविताएं

राजेश्वर वशिष्ठ 1.रुद्र प्रयाग में बड़े वेग से लुढ़क रहा है जल चट्टानों की त्रिवली में.किनारों पर कांप रहे हैं पेड़ और घुमावदार सड़कें किसी पुराने मंदिर की साक्षी में.अचानक…

बुद्ध पूर्णिमा पर बुद्ध के दुश्मनों को पहचानिए

Sanjay Shraman – बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बुद्ध के सबसे पुराने और सबसे शातिर दुश्मनों को आप आसानी से पहचान सकते हैं। यह दिन बहुत ख़ास है इस दिन…

बुद्ध पूर्णिमा : जीवन का अर्थ ढूंढने की यात्रा..

Chaitanya Nagar – बुद्ध की तीसरी देशना का उल्लेख अंग्रेजी कवि टीएस इलियट ‘द वेस्ट लैंड’ में करते हैं। पाली भाषा में इस प्रवचन को ‘आदित्त परियाय सुत्त’ और अंग्रेजी…

चाह – चाय दिवस पर

राजेश्वर वशिष्ठ हज़ारों साल पुरानी बात है – मैं बैठा हूँ चीन के सम्राट शेन नुंग के साथ उनके एक बहुत बड़े बगीचे में। लोग कहते हैं यह अजीब बादशाह…

स्वस्थ शरीर की गलतफहमी में भोजन को विषाक्त करते हुए !

Sanjiv Kumar Sharma – भोजन करना मनुष्य की सबसे महत्वपूर्ण क्रियाओं में से एक है, यह हमारी मूलभूत आवश्यकता है। दुनिया में बहुत बड़ा संघर्ष रोटी को ले कर ही…

इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग : उपवास के साथ भोजन का तालमेल

Sanjiv Kumar Sharma – आजकल इंटरमिटेंट फ़ास्टिंग फ़ैशन में है और इसको लेकर अनेक प्रकार की झूठी-सच्ची बातें मीडिया में तैरती रहती हैं, जिनको कुछ स्वयंभू विशेषज्ञ और सिलेब्रिटी भी…