बहुत सारी बाते हमें अनुभव से आती है, बहुत सारी बाते हम अनुभव और चिंतन दोनों से सीखते है। 

हम जीवन की बात करे तो माता-पिता भाई-बहन दोस्त और एक साथी के चारों और घूमता है, समय के साथ माता पिता , भाई बहन , दोस्त अपने अपने जीवन में व्यस्त हो जाते है मुख्य रूप से हमारे जीवन में हमारे साथ एक जीवन साथी ही होता है। सारे दुःख सुख हमारे एक दूसरे के साथ संबंधों पर ही आधारित है। हमे ये देखना होगा की हम हमारी वजह से दुखी है कि सामने वाले की वजह से। एक दूसरे पर सब का कुछ न कुछ स्वार्थ भी है और वो सभी ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार भी करते है। दिक्कत तब आती है जब हम पर कोई जरुरत से ज्यादा स्वार्थ थोपता है या फिर जब सामने वाला हमारे द्वारा थोपे गये स्वार्थ को स्वीकार नहीं करता है।

माता पिता और बच्चे से शुरू करे तो तीनों ही स्वतंत्र प्राणी है। अगर सही तरीके की बात करे तो बच्चा जब तक सक्षम नहीं हो जाता वह माता पिता की जिम्मेदारीं है उसे कुछ नियम कायदों में भी बंध कर रहना होता है, बच्चा बड़ा होता है अपने आप में सक्षम होता है तब तीनों की आपसी सहमति है तब तीनो साथ रह सकते है लेकिन अगर कही ऐसा विरोधाभास होता है कि बच्चा कुछ चाहता और माता पिता कुछ और दोनों में से कोई भी नहीं बदलना चाहता तब यहां देखने वाली बात ये है कि बच्चा माता पिता को दुखी नहीं कर रहा वे अपना स्वार्थ न स्वीकारने की वजह से दुखी है और अगर बच्चा उनका स्वार्थ स्वीकार कर लेता है चाहे वह डर की वजह से करे या लालच की वजह से उसकी चेतना इसमें सहज नहीं रह पायेगी यहां दुःख आ जायेगा।

अब बात करते है एक स्त्री पुरुष के संबंधों की।

one night stand –
दो लड़का लड़की मिले एक अच्छा समय एक दूसरे के साथ गुजारा और अपने अपने रास्ते चले गए। दोनों का कोई पति या पत्नी नहीं है, गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड नहीं है। किसी तीसरे व्यक्ति से कुछ छिपा के कुछ नहीं कर रहे या झूठ नहीं बोल रहे।

girlfriend – boyfriend

एक लड़का या लड़की एक दूसरे को हो सकता है one night stand वाली सोच से मिले हो या फिर साथ में पढ़ते हो। दोनों जब तक साथ है एक दूसरे के साथ है लेकिन संबंधों की जिम्मेदारीं नहीं लेते। नैतिकता केवल इतनी होती है कि जो भी एक्सक्लूसिव एन्जॉयमेंट है जो एक दूसरे के साथ से लेकर एक जैसी पसन्द जैसे कुछ भी हो सकते है वह केवल एक दूसरे के साथ है या ओपन है इसको लेकर एक दूसरे से अपनी स्थिति क्लियर करते हुए हो सकते,  एक दूसरे को समझने का प्रयास भी जारी रहता है, इस रिश्ते में कोई भी केवल एन्जॉयमेंट के लिए हो सकता है, एक दूसरे को समझने के प्रयास में भी। लेकिन कौन कब किस वजह से इस रिश्ते से चला जाए इसके लिए कोई किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि दोनों ही इस बात को समझते है।

Husband – Wife

लड़का लड़की मिलते है उनमें एक एहसास पनपता है। दोनों एक दूसरे की भावनाओं को समझते हुए, लड़ते-झगड़तेे (सत्तात्मक लड़ाई नहीं) अपनी कमियों को , वैचारिक मतभेदों को समझते हुए दूर करते हुए आगे बढ़ते हैं, उनके बीच का एहसास और अपनापन गहरा हो चुका होता है।  दो स्त्री पुरुष हो सकता है वह one night stand में मिले हो , girlfriend boyfriend रहे हो, जब उन्हें लगता है कि वो इस संबंध को पूरी ईमानदारी से निभा सकते है और इस बात को दोनों स्वीकार करते है उस दिन से दोनों पति पत्नी हो जाते है।  (सम्बन्ध को सामाजिक , कानून मान्यता दिलाना एक अलग कार्यक्रम है)
दोनों एक दूसरे को समझते हुए इस जिम्मेदारीं को स्वीकार किया है इसलिए दोनों जो जैसा है उसे वैसा ही रहने देते है, एक दूसरे के बदलावों को स्वीकार करते है एक दूसरे पर अपने स्वार्थ नहीं थोपते है और पूरी ईमानदारी से इस सम्बन्ध को बनाये रखना चाहते है।
जिस दिन से एक दूसरे पर अपने स्वार्थ थोपने या मज़बूरी में स्वीकार करना शुरू कर देते है उस दिन से वह सम्बन्ध मरने लगता है , सहजता हटते ही दुःख पनपने लगेगा।

चलते-चलते :-

 चूँकि शादी एक सामाजिक, जातिय, धार्मिक, पर्व है जिसकी मान्यता बाकी दुनिया से लेनी पड़ती है। इस कोशिश में दोनों पक्षों के माता पिता को शामिल करना पहला काम है चूँकि अधिकतर मामलो में माता पिता इस सम्बन्ध के लिए तैयार नहीं होते है तैयार हो भी जाते है तो दोनों पक्षों के लोग अपने अहंकार का खुला प्रदर्शन करते है, शादी को डील , व्यापार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। अपनी अपनी मांगो को पूरी निर्लज्जता के साथ मान सम्मान से जोड़ना एवं उस तथाकथित मान सम्मान पर ठेस लगने वाली बात कही जाती है, इस बात के शिकार कई बार खुद लड़का और लड़की होते है। माता पिता एक खाई पैदा करने में सफल होते है, शादी हो न हो उनकी बला से। एक एहसास जो पनप चुका था एक शादी जो हो चुकी थी वो इस खेल में कही टूट सी जाती है।

 


Nishant Rana 
Social thinker, writer and journalist. 
An engineering graduate; devoted to the perpetual process of learning and exploring through various ventures implementing his understanding on social, economical, educational, rural-journalism and local governance.