Month: August 2022

पिछले लेख से जो भारत में पनपे माओवाद, वामपंथी रोमांस को समझने के क्रम में जो सीरीज शुरू की थी उसी अगली कड़ी में बस्तर के आदिवासी इलाकों में पैर जमाए माओवाद और एनजीओ के कुचक्र को इस लेख में आगे समझ सकते है –

भाग – 2 Nishant Rana शुरुआत भारतीय समाज को साथ लेकर कुछ बातों की पड़ताल करते है – भारत का ग्रामीण समाज जहां विकास धीमी गति से ही पहुंचा। इस…

तानाशाह स्तालिन, भ्रष्ट कम्युनिस्ट दर्शन, इस सब हिंसक मानसिकता को समर्पित फायदा उठाते धूर्त एनजीओ दुकानदार और भारत का आम आदिवासी व क्रांति के नाम पर बेवकूफ बनाए जा रहे आम ईमानदार कार्यकर्ता।

भाग 1 तानाशाह स्तालिन – Nishant Rana 1924 में लेनिन की मृत्यु के बाद स्तालिन ने अपना ही इतिहास लिखना शुरू किया। इसकी शुरुआत स्तालिन ने की सेंसरशिप के साथ।…