आदम – बीफ खाने की अफवाह भर से हत्या कर दी
देवरस – तुम बड़े भोले हो आदम माहौल नहीं समझते हो, चुनाव नजदीक है बड़े बड़े दंगे हो जाते है ये तो शुरुआत ही समझो तुम .
आदम- चुनाव नजदीक, मैं कुछ समझा नहीं लोगो ने तो कहा की धर्म से जुड़ा मसला है
देवरस – देखो हम मसले नहीं बनायेंगे तो लोग हम पर सवाल खड़े करने शुरू कर देंगे, हमारा अस्तित्व भी संकट में आ जाएगा .
आदम – मेरे कुछ समझ नहीं आ रहा,
देवरस – हम हजारो सालो तक बलि देते रहे, हमारा खुद का वैदिक काल भरा पड़ा है बीफ खाने के किस्सों से और आज भी देख लो बीफ निर्यात में हम पूरे संसार में पहले नम्बर पर है, आयात करने वालो और बाहर खाने वालो से देखो हमारी कितनी अच्छी दोस्ती है लेकिन देखो बीफ के नाम पर कितने ही दंगो में हमने लाखों लोगो को मरवा दिया लेकिन माहौल देखो हम पर किसी ने ऊँगली उठाई हो तो .
आदम – ये माहौल बनता कैसे है .
देवरस – इसकी कहानी वैसे तो बहुत लम्बी है लेकिन देखो हमने कहा की जीव हत्या पाप है और हमने उसके लिए बस एक खास समुदाय को पशुओ की कुर्बानी देने के लिए निशाना बनाया . लोग समझते रहे की ये उनके अन्दर की संवेदनशीलता है जो जीव हत्या को रोक रही है लेकिन वास्तव में ये नफरत थी जिसे हम धीरे धीरे भड़का रहे थे . उनका विरोध इसलिए नहीं है की वो जीवों से प्रेम करते है उनका विरोध इसलिए है क्योकि वो एक समुदाय से नफरत करते है वर्ना बताओं इनके अपने समुदाय में क्या कम है मांस खाने वाले. इस नफरत को बैठाने में हमे कई साल लगे, पहले मांस खाने वाले को भी धर्म के नाम पर अपनी ओर किया ,बीफ को धर्म से जोड़ा दूसरे समुदाय में भी कुछ हमारे जैसे है उन्होंने हमारे काम को और आसान किया आज भी हमारा सारा जोर इसी नफरत को और गहरा करने में है , इसी नफ़रत में हम इन्हें आपस में भी जलायेंगे, हमारा काम तो इसी से चलता है , इन मामलों के नेता तो हम ही है ना
आदम – हम उत्पादक पशुओं और गैर उत्पादक पशुओं में अंतर भी तो स्पष्ट कर सकते थे, लोग धीरे धीरे खुद ही समझ जाते .
देवरस – आदम तुम हमारा बना बनाया माहौल ख़राब करने की बात कर रहे हो .


Nishant Rana 
Social thinker, writer and journalist. 
An engineering graduate; devoted to the perpetual process of learning and exploring through various ventures implementing his understanding on social, economical, educational, rural-journalism and local governance.